गाय के गोबर वाले ब्रीफकेस से निकला छत्तीसगढ़ का बजट बस्तर के कारीगरों ने 10 दिन की मेहनत के बाद बनाया हैंडल
गाय के गोबर वाले ब्रीफकेस से निकला छत्तीसगढ़ का बजट बस्तर के कारीगरों ने 10 दिन की मेहनत के बाद बनाया हैंडल
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने विधानसभा में एक नया इतिहास रच दिया है। सीएम ने बजट पेश करने के लिए जिस ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया वो चमड़े या जूट का नहीं होकर गोबर के बाई प्रोडक्ट से निर्मित है। मुख्यमंत्री के द्वारा बजट के लिए इस्तेमाल किए गए ब्रीफकेस को गोबर के पाउडर से तैयार किया गया है,
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महिला स्वसहायता समूह की दीदी नोमिन पाल
द्वारा बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने मां लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में गो-धन से निर्मित ब्रीफकेस का उपयोग किया है। ब्रीफकेस पर गोमय वसते लक्ष्मी’ लिखा गया है। नगर निगम रायपुर के गोकुलधाम गोठान में काम करने वाली , एक पहल , महिला स्वसहायता समूह की दीदियों ने गोबर एवं अन्य उत्पादों के इस्तेमाल से इस ब्रीफकेस का निर्माण किया है।
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इसी ब्रीफकेस में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया है।
इस ब्रीफकेस की खासियत यह है कि इसे गोबर पाउडर, चुना पाउडर, मैदा लकड़ी एवं ग्वार गम के मिश्रण को परत दर परत लगाकर 10 दिनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। विशेष तौर पर तैयार किए गए इस ब्रीफकेस के हैंडल और कार्नर कोंडागांव जिले के समूह द्वारा बस्तर आर्ट कारीगर से तैयार करवाया गया है
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छत्तीसगढ़ में यह मान्यता है कि गोबर मां लक्ष्मी का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों में घरों को गोबर से लीपने की परंपरा रही है।
इसी से प्रेरणा लेते हुए स्व सहायता समूह की दीदियों द्वारा गोमय ब्रीफकेस का निर्माण किया गया है, ताकि मुख्यमंत्री के हाथों इस ब्रीफकेस से छत्तीसगढ़ के हर घर में बजट रूपी लक्ष्मी का प्रवेश हो और छत्तीसगढ़ का हर नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त हो सके।
छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना ने पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनायी है।
पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि गोबर से कोई सामग्री भी तैयार की जा सकती
है।
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