देहरादून: डॉक्टरों ने बताय लड़की के पेट से निकले बालों के गुच्छे 17 साल की लड़की के पेट से बालों के इतने बड़े गुच्छे ऑपरेशन के दौरान निकले कि देखकर डॉक्टर हैरान रह गए डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन कर दिया है
देहरादून: डॉक्टरों ने बताय लड़की के पेट से निकले बालों के गुच्छे
17
साल की लड़की के पेट से बालों के इतने बड़े गुच्छे ऑपरेशन के दौरान निकले कि देखकर
डॉक्टर हैरान रह गए डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन कर दिया है.
ADS |
एक लड़की के पेट से ऑपरेशन के दौरान बालों के गुच्छे निकले. यह देखकर डॉक्टर हैरान रह गए. दरअसल देहरादून में एक लड़की बीमार चल रही थी. निर्धन होने की वजह से लोगों ने उसका सहयोग किया. डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराया. इसके बाद उसका इलाज कराया गया लोगों के पेट में कई बार ऐसी चीजें ऑपरेशन (Surgery) में निकलती हैं, जो सबको हैरान कर देती हैं. ऐसा ही एक वाकया देहरादून में देखने को मिला. यहां एक यहां एक 17 साल की लड़की के पेट से बालों के इतने बड़े गुच्छे ऑपरेशन के दौरान निकले कि देखकर डॉक्टर हैरान रह गए डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन कर दिया है.
ADS |
जानकारी के अनुसार जीजीआईसी राजपुर रोड में पढ़ने
वाली एक छात्रा काफी लंबे समय से बीमार चल रही थी. वह स्कूल भी नहीं आ पा रही थी, ऐसे में स्कूल प्रिंसिपल
ने जब पता किया तो पता चला कि लड़की के
घर वाले बेहद गरीब हैं. इस कारण वह बच्ची का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. इसके बाद
प्रिंसिपल ने देहरादून के रोटरी क्लब और एक मेडिकल सेंटर से मदद मांगी.
इलाज में एक
लाख से ज्यादा का खर्च था
लड़की को डॉक्टर को दिखाया गया. पेट में
दर्द होने की दिक्कत होन की दिक्कत होने की वजह से सीटी स्कैन कराया गया. इसके बाद
डॉक्टर ने बताया कि अगर जल्द ही उसका इलाज नहीं हुआ तो बच्ची की जान बचना मुश्किल
है पर इलाज में एक लाख से ज्यादा खर्च आ रहा था जो उसका परिवार चुकाने में असमर्थ था जांच में पता चला कि लड़की को ट्राइको-
बज़ार नाम की बीमारी है. इसमें जो पेशेंट मानसिक रूप से स्टेबल नहीं होते वे अपने ही बाल खाने लगते हैं. सीटी स्कैन में आया था कि पेशेंट के पेट में 12
बाई 6 सेंटीमीटर का बालों का गुच्छा और आंतों में 8 बाई 4 सेंटीमीटर का एक गुच्छा
फंसा हुआ था इसकी वजह से पेशेंट का पेट फूल रहा था और इन्फेक्शन फैल रहा था
हालत ऑपरेशन के लिए ठीक नहीं थी
पूरी सर्जिकल टीम ने डिसाइड किया कि
पेशेंट का ऑपरेशन किया जाएगा. हालांकि ऑपरेट करने के लिए बालिका की स्थिति सही
नहीं थी और उसके दिल की धड़कन तेज थी. रिस्क भी था. बीमारी बहुत फैल चुकी थ, लेकिन
ऑपरेट नहीं करते तो बालों का गुच्छा फंसे रहने की वजह से खतरा था. इसलिए रिस्क
लिया. ऑपरेशन के बाद बालिका को 3 से 4 दिन आईसीयू में रखा गया. बालिका अब स्टेबल है.
रोटरी क्लब देहरादून और मेडिकल सेंटर के सहयोग से बालिका का इलाज कराया गया
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें