उत्तराखंड : रुद्रप्रयाग में भूस्खलन झालीमठ गांव में मकान जमींदोज लोगों ने भाग कर बचाई जान
उत्तराखंड : रुद्रप्रयाग में भूस्खलन झालीमठ
गांव में मकान जमींदोज लोगों ने भाग कर
बचाई जान
तत्लानागपुर के ग्राम पंचायत सारी के राजस्व ग्राम झालीमठ में
भूस्खलन का दायरा बढ़ता जा रहा है।
रुद्रप्रयाग में कई गांव के लोग हर दिन डर के साये में जी रहे है।
उन्हें अब यही चिंता रहती है कि भूस्खलन रात को हुआ तो
कहां जाएंगे और अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रखेंगे
तत्लानागपुर के ग्राम पंचायत सारी के राजस्व ग्राम झालीमठ में
भूस्खलन का दायरा बढ़ता जा रहा है।
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रविवार को भूस्खलन से यहां एक मकान जमींदोज हो गया।
साथ ही चौक का आधा हिस्सा भी ध्वस्त हो गया है। वहीं, अन्य
मकानों में भी गहरी दरारें पड़ गई हैं। खतरे को देखते हुए
प्रभावित परिवारों मकान छोड़कर अन्यत्र शरण ली हुई है।
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ग्रमीण बीरेंद्र लाल, हरेंद्र कुमार और राकेश कुमार के
संयुक्त
मकान का एक हिस्सा जमींदोज हो गया। साथ ही मकान के
अन्य हिस्से पर चारों तरफ गहरी दरारें पड़ गई हैं। स्थिति यह
है कि बुनियाद के साथ दरवाजे व खिड़कियों ने भी अपनी
जगह छोड़ दी है, जिससे कभी यह पूरा मकान ढह सकता
है साथ ही चौक का आधा हिस्सा भी भूस्खलन की भेंट चढ़
चुका है।
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कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
भूस्खलन के बाद से हालात दिनोंदिन खराब हो रहे हैं। अब, पूरे
झालीमठ में जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का
कारण बन सकती हैं।
बताया कि बीते सप्ताह भूस्खलन से दो गोशाला व शौचालय ध्वस्त हो
गए थे। तब से गांव के अन्य लोगों के घरों में शरण लिए हुए हैं। पीड़ित
हरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में दिन तो जैसे-तैसे कट रहा
है, लेकिन शाम ढलते ही लोग भयभीत हो रहे हैं।
अगर, भूस्खलन रात को हुआ तो कहां जाएंगे और अपने बच्चों को कैसे
सुरक्षित रखेंगे, इसी सोच से परेशान हैं। बता दें कि यहां 28 फरवरी से
हो रहे भूस्खलन के कारण बीरेश चंद्र, उमेश चंद्र, रमेश चंद्र, दिनेश,
प्रेम लाल, धीरज लाल आदि प्रभावितों के 67 लोग अपने मकानों को
छोड़कर अन्यत्र शरण लिए हुए हैं।
प्रशासन की ओर से प्रभावितों को राहत सामग्री भी मुहैया
कराई गई
थी, लेकिन जैसे-जैसे धूप की तपन तेज हो रही है, झालीमठ में
भूस्खलन का दायरा बढ़ रहा है। इधर, उप जिलाधिकारी अपर्णा
ढौंडियाल ने बताया कि राजस्व विभाग को स्थिति का जायजा लेने के
लिए कहा गया है। साथ ही प्रभावित परिवारों के विस्थापन के लिए
लेकर प्रशासनिक स्तर पर उचित कार्रवाई अमल
में लाई जा रही है।
अन्यत्र विस्थापित करने की मांग कर रहे हैं
झालीमठ के 22 परिवार वर्तमान हालातों को देखकर अन्यत्र विस्थापित
करने की मांग कर रहे हैं। प्रभावितों का कहना है कि कावेरी गदेरे के
दाईं तरफ की पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से पूरी बस्ती खतरे की जद
में आ गई है। मिट्टी दरक रही है, जिससे जमीन की अंदरूनी परत भी
कमजोर हो रही हैं।
भूस्खलन से लोगों के खून-पसीने से लाखों की लागत से बनाए मकान
, गोशाला दरारों से पट चुके हैं, जो कभी भी ध्वस्त हो सकते हैं। संवाद
भूस्खलन प्रभावित झालीमठ का सर्वेक्षण किया गया है।
विस्थापन ही
यहां का एकमात्र उपाय है। इन प्रभावित परिवारों को अन्यत्र
विस्थापित करने के लिए प्रशासन के माध्यम से जल्द अन्यत्र भूमि
चयन की कार्रवाई की जाएगी।
खान अधिकारी रुद्रप्रयाग/चमोली
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