तमिलनाडु का छात्र यूक्रेन में लड़ने गया, भारतीय कानून में है क्या इसकी इजाजत
तमिलनाडु का छात्र यूक्रेन में लड़ने गया, भारतीय कानून में है क्या इसकी इजाजत
यूक्रेन से मंगलवार को एक
मीडिया रिपोर्ट सामने आई जिसमें दावा किया गया कि एक भारतीय सहित कई विदेशी लोग
रूस के खिलाफ यूक्रेन की तरफ से लड़ने के लिए स्वयंसेवी सैन्य बल इंटरनेशनल लीजन
में शामिल हुए हैं। ज्ञात हो कि यूक्रेन और रूस में पिछले कई दिनों से भयंकर युद्ध
चल रहा है जिसमें हजारों के मारे जाने की खबर है।
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इस बीच मंगलवार को कीव
इंडिपेंडेंट अखबार ने यूक्रेनी ग्राउंड फोर्सेस का हवाला देते हुए ट्वीट कर लिखा, "शुरुआती विदेशी पहले ही
यूक्रेन के स्वयंसेवक सैन्य बल इंटरनेशनल लीजन में शामिल हो चुके हैं और कीव के
बाहर लड़ रहे हैं। यूक्रेनी ग्राउंड फोर्सेस के अनुसार, ये स्वयंसेवक सैनिक
अमेरिका, यूके, स्वीडन, लिथुआनिया, मैक्सिको और भारत से आए थे।
क्या भारतीय कानून में है इसकी इजाजत
अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारतीय कानून अपने किसी भी नागरिकों को विदेशों में जाकर लड़ने की इजाजत देता है जी नहीं, भारतीय कानूनों के तहत, एक नागरिक के लिए किसी भी विदेशी देश में लड़ाई में भाग लेना अपराध है। भारत सरकार ने 2015 में इसको लेकर एक हलफनामा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि किसी भी भारतीय नागरिक का किसी दूसरे देश में जाकर उसकी तरफ से युद्ध लड़ना अपराध है।
दरअसल इसी प्रकार का एक
मामला तब सामने आया था जब 2014 में एक शिया समूह ने इस्लामिक स्टेट से इराक में धार्मिक स्थलों की रक्षा के
लिए रजिस्टर्ड वालंटियर भेजने को कहा था। यही नहीं इसको लेकर संगठन तैयार भी हो गए
थे।
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दिल्ली के जोरबाग कर्बला
को संचालित करने वाले संगठन अंजुमन-ए-हैदरी ने कहा था कि छह सदस्यीय टीम इराक में
आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) से धर्मस्थलों की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों को भेजने के
तौर-तरीकों पर चर्चा करने और मानवीय प्रयासों में सहायता करने के लिए इराक की
यात्रा करेगी।
भारत में मुसलमान इराक के
पवित्र स्थलों की रक्षा के लिए खुद को रजिस्टर करने लगे थे, और यदि आवश्यक हो, तो देश में सुन्नी
इस्लामी उग्रवादियों से लड़ाई के लिए भी तैयार हो रहे थे। कई हजारों लोगों ने इराक
में जाकर लड़ने के लिए खुद को रजिस्टर किया था। लेकिन भारत सरकार ने इसकी इजाजत
नहीं दी थी।
क्या कहा था भारत सरकार ने
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2015 में दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक
हलफनामे में कहा था कि भारतीय नागरिकों को "किसी भी संघर्ष में भाग लेने के
घोषित उद्देश्य" के साथ किसी विदेशी देश की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा
सकती है। किसी विदेशी संघर्ष में भाग लेने के लिए स्वयंसेवकों को जुटाने का कोई भी
प्रयास "देश के कानून और घोषित नीति का पूर्ण उल्लंघन" होगा।
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यूक्रेन ने गुहार लगाई है
24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी सेना द्वारा
आक्रमण करने के तीन दिन बाद, राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की सरकार ने विदेशी स्वयंसेवकों से
रूसी हमले के खिलाफ बलों की आवश्यकता को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय सेना में शामिल
होने का आह्वान किया था। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने 28 फरवरी को कहा कि उसे विदेशी नागरिकों
से "कई हजार" आवेदन प्राप्त हुए हैं।
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