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    भाजपा में बैठकों के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत-प्रीतम सिंह पर मतगणना से पहले दबाव सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के पूर्व काबीना मंत्री बीएम पाटिल को राज्य में पर्यवेक्षक बनाया गया है।:

     




    भाजपा में बैठकों के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत-प्रीतम सिंह पर मतगणना से पहले दबाव

     

    विधानसभा चुनाव 2022: मतगणना से तीन दिन पहले राज्य में बढ़ी सियासी सरगर्मियों के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल पर दबाव बढ़ गया है

                                             

    तीनों ने चुनाव में जिन नेताओं को टिकट दिलाने में भूमिका निभाई, उनको लेकर जिम्मेदारी भी इन तीनों पर रहेगी। साथ ही टिकट कटने से बागी हुए नेताओं के जीतने पर भी कांग्रेस की इस त्रिमूर्ति को जवाब देना होगा।सूत्रों के अनुसार, चुनाव के टिकट तय करते वक्त हाईकमान ने रावत,प्रीतम व गोदियाल पर पूरी जिम्मेदारी छोड़ दी थी।


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    तीनों नेताओं ने कई सीटों पर विरोध के बावजूद अपने अपने समर्थकों को भी टिकट दिलाए। कुछ नेताओं के टिकट कटवाने में भी अहम भूमिका रही। इस वजह से कुछ सीटों पर कांग्रेस के नेता बागी होकर या दूसरी पार्टी के निशान पर चुनाव लड़े ऐसी सीटों का नतीजा तो इनकी प्रतिष्ठा से जुड़ा ही है।


     

    साथ ही उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा की जिम्मेदारी भी रावत-प्रीतम व गोदियाल की होगी। सूत्रों के अनुसार, 2016 में दलबदल में अहम भूमिका वाले भाजपा नेताओं की राज्य में सक्रियता की वजह से कांग्रेस कुछ असहज है।

     

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    सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के पूर्व काबीना मंत्री बीएम पाटिल को राज्य में पर्यवेक्षक बनाया गया है।:
     

     कांग्रेस के प्रदेश महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया,सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के पूर्व काबीना मंत्री बीएम पाटिल को राज्य में पर्यवेक्षक बनाया गया है। मंगलवार की बैठक में दोनों पर्यवेक्षक भी शामिल रहेंगे। 


     


     

    भाजपा कभी प्लान ए, कभी बी और सी बना रही है पर कांग्रेस का केवल एक ही प्लान है सरकार गठन का। सभी प्रत्याशी और नेता लगातार संपर्क में हैं। जनता के आशीर्वाद से कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। बाकी होई सोई जो राम रचि राखा। 


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    चुनाव हारने के बाद भाजपा हमेशा साजिश रचने का काम करती है। वर्ष 2016 में भी भाजपा ने यही किया, पर मुंह की खाई। इस बार भी भाजपा की कोई साजिश काम नहीं आने वाली। सभी कांग्रेसजन एक हैं। हां भाजपा में जरूर असंतोष का तूफान आया हुआ है। 

     




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