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    गुजरात समाचार : समान नागरिक संहिता ,यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए बनेगी कमेटी , गुजरात सरकार का बड़ा फैसला

    गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड का दांव चला है। गुजरात सरकार ने कमेटी का गठन किया है\ इस बात की जानकारी गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने दी है

    गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति के गठन को कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है इसके लिए सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए उत्तराखंड की तरह एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तहत एक समिति गठित होगी केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि समिति सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होगी और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे।


    विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में प्रदेश सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड का दांव चला है कमेटी का गठन करने का फैसला गुजरात सरकार ने किया है गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस बात की जानकारी दी उन्होंने कहा कि गुजरात मंत्रिमंडल ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के उद्देश्य से समिति गठित करने को अनुमति प्रदान की है 


    क्या है यूनिफार्म सिविल कोड 

    यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम यानी भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति का हो इसके लागू होने पर शादी तलाक जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा, जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना अनिवार्य होगा।

    भाजपा के एजेंडे में यूनिफार्म सिविल कोड शामिल

    2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया था यह ऐसा मुद्दा है, जो हमेशा से चर्चा में रहा है भाजपा का मानना है कि लैंगिंग समानता तभी आएगी, जब यूनिफार्म सिविल कोड को लागू किया जाएगा।

    अल्पसंख्यक विरोधी कदम बताया AIMPLB ने 

    यूनिफार्म सिविल कोड का कई राजनेताओं ने समर्थन किया है उनका मानना है कि इससे देश में समानता आएगी हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसे एक असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी कदम करार दिया है गौरतलब है कि केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह संसद को देश में समान नागरिक संहिता पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है।


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