राजस्थान समाचार : श्री गंगानगर - ऐतिहासिक रहेगा इस बार का कन्या लोहड़ी महोत्सव-2023 रिकॉर्ड तोड़ आवेदन, 25 करोड़ की छात्रवृत्तियां| ,छात्राओं में जबरदस्त उत्साह
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श्रीगंगानगर। देश-दुनिया में श्रीगंगानगर को खास पहचान दिलाने वाला ‘लोहड़ी धीयां दी, ऐतिहासिक कन्या लोहड़ी महोत्सव-2023’ इस बार कई मायनों में यादगार होगा। पिछले वर्षांे के मुकाबले इस साल 6000 आरक्षित सीटों के लिए रिकॉर्ड तोड़ आवेदन आए हैं, जिन्हें 25 करोड़ रुपए की छात्रवृत्तियां दी जानी हैं। आवेदक छात्राओं में जबरदस्त उत्साह है और वे कार्यक्रम दिवस 12 जनवरी, 2023 (गुरुवार) का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। धन धन बाबा दीप सिंह सेवा समिति एवं श्रीगंगानगर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में सवा सौ से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से होने जा रहे इस कन्या लोहड़ी महोत्सव के लिए आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद अब छंटनी एवं सूचीकरण का काम शुरू किया गया है। श्रीगंगानगर सीओसी के अध्यक्ष विजय जिन्दल ने बताया कि इस बार करीबन 22 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी तादाद में छात्राओं ने आवेदन नहीं किया। इसकी सबसे बड़ी वजह कन्या लोहड़ी के दायरे का बढऩा है। जिन्दल के अनुसार इस वर्ष जयपुर, दौसा, जोधपुर, अलवर, बीकानेर, चूरू एवं पंजाब के लुधियाना, जलंधर, अबोहर आदि शहरों में स्थित शैक्षणिक संस्थानों ने भी छात्राओं के लिए विभिन्न कोर्सेज की सीटें आरक्षित की हैं। स्कूली शिक्षा के लिए भी अनेक नए संस्थान जुड़े हैं, वहीं खेल व आत्मरक्षा के गुर सिखाने वाली संस्थाएं भी कन्या लोहड़ी का हिस्सा पहली बार ही बनी हैं। ऐसे में इस वर्ष नए आयाम जुडऩे से कन्या लोहड़ी का दायरा भव्य से भव्यतम हो गया है।
कन्या लोहड़ी 2023
बेटियों हक के लिए विगत डेढ दशक से संघर्षरत धन धन बाबा दीप सिंह सेवा समिति, श्रीगंगानगर (राजस्थान) एवं श्रीगंगानगर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में हर वर्ष ‘लोहड़ी धीयां दी, ऐतिहासिक कन्या लोहडी महोत्सव’ का आयोजन किया जाता है। बेटियों के जन्म का उत्सव मनाने और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का सुअवसर देने के लिए की गई इस अभिनव पहल के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च-रोजगारपरक कोर्सेज की सुविधा प्रदान की जाती है। इस मुहिम का आगाज वर्ष 2005 में महज एक छोटे से आयोजन के साथ हुआ था, जो साल-दर-साल नए सुझावों व नवाचारों को आत्मसात् करने के साथ भव्य से भव्यतम् की ओर अग्रेषित होता चला गया। वर्तमान में इस महायोजन का स्तर प्रादेशिक सीमाओं को लांघकर देश-विदेश के चर्चा-पटल पर आच्छादित हो गया है। दुनियाभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले इस सामूहिक-सामाजिक कार्यक्रम में इस वर्ष नया आयाम जोड़ते हुए बेटियों के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ खेल, आत्मरक्षक प्रशिक्षण एवं अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों के संस्थानों में भी सीटें आरक्षित करवाई गई हैं ।
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