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    राजस्थान समाचार : श्रीगंगानगर - सीटर बायो डीजल द्वारा डीएसओ सोनी को मानहानि का नोटिस - बायो फ्यूल पम्प के बारे में भ्रामक जानकारी देने का मामला

     

    श्रीगंगानगर : स्थानीय हनुमानगढ़ मार्ग पर चक 12 एलएनपी सिहागांवाली में स्थित मैसर्स सीटर बायो डीजल के प्रोपराईटर अजय गोयल ने जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी पर उनके व्यवसाय को लेकर मीडिया में भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया है। स्थानीय गोल बाजार के एक होटल में आज शाम प्रेस वार्ता करते हुए अजय गोयल, उनके अधिवक्ता रमनदीपसिंह, एडवोकेट नीरज युवराज सिंह और माई ओन इको एनर्जी प्रा.लि. के प्रतिनिधि सतीशकुमार ने पूरे मामले की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 11 जनवरी को एक राज्य स्तरीय समाचार-पत्र के स्थानीय संस्करण में डीएसओ राकेश सोनी के हवाले से मैसर्स सीटर बायो डीजल के बारे में गलत, दुष्प्रचार और मानहानिपूर्वक जानकारी का समाचार प्रकाशित करवाया गया। इसमें बताया गया कि चक 11 एलएनपी में बायो फ्यूल पम्प को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं अजमेर के नसीराबाद में वहां के प्रशासन द्वारा एक फैक्ट्री पर की गई कार्यवाही से भी चक 11 एलएनपी में उनके व्यवसाय के साथ जोडक़र गलत जानकारियां दी गई।

     


    प्रेस वार्ता में बताया गया कि नसीराबाद की फैक्ट्री के मामले से मैसर्स सीटर बायो डीजल की किसी भी तरह की सम्बद्धता नहीं है। डीएसओ ने कहा है कि चक 11 एलएनपी में सीटर बायो डीजल का संचालक अभिषेक गोयल है, जो कि सत्य नहीं है। यह फर्म अजय गोयल की है। नसीराबाद का विवाद बिलकुल ही अलग है। प्रेस वार्ता में बताया गया कि चक 11 एलएनपी में कोई पेट्रोल-पम्प नहीं है। चक 12 एलएनपी में जो बायो फ्यूल पम्प है, उसके प्रोपराईटर अजय गोयल हैं। इस पम्प से अभिषेक गोयल का कोई लेना-देना नहीं है। डीएसओ राकेश सोनी के इस कथन को गलत बताया गया कि उन्होंने पिछले दिनों सीटर बायो डीजल का उन्होंने अचानक निरीक्षण किया तो वह बंद पाया गया। इस पम्प को उन्होंने बंद करने के ही निर्देश दिये हैं। 

     

    अजय गोयल ने इसे गलत ठहराते हुए बताया कि उनका यह बायो फ्यूल पम्प निरन्तर चल रहा है। कुछ दिनों से वार्षिक रखरखाव के लिए बंद है। माई ओन इको एनर्जी प्रा.लि. के प्रतिनिधि सतीश कुमार ने बताया कि उनकी कम्पनी द्वारा सीटर बायो डीजल को निरन्तर बायो फ्यूल की सप्लाई दी जा रही है, जिसका आगे विक्रय भी हो रहा है। पिछले दिसम्बर महीने में ही 3-4 गाड़ी तेल की सप्लाई की गई है। यह व्यवसाय पूरी तरह से वैध है। जिला रसद विभाग द्वारा समय-समय पर जो भी जानकारियां, परिपत्र तथा राजस्थान एवं बॉम्बे हाईकोर्ट के स्थगन आदेश की प्रतियां मांगी गई, वे सभी उपलब्ध करवाई गई हैं। किसी भी तरह की शर्तोंं-नियमों व मापदण्डों का उल्लंघन नहीं हो रहा। डीएसओ को यह पम्प बंद करने के निर्देश देने के कोई अधिकार ही नहीं है।

     

    अजय गोयल ने बताया कि उन्हें तो समाचार से ही पता चला कि डीएसओ ने पम्प बंद करने के निर्देश दे दिए हैं, जबकि उन्हें अभी तक कोई लिखित में ऐसा निर्देश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि डीएसओ द्वारा पिछले काफी समय से उनको तंग-परेशान तथा ब्लेकमेल किया जा रहा है। इसी कारण झूठा व भ्रामक प्रचार भी कर रहे हैंं। अधिवक्ता रमनदीप सिंह ने बताया कि उनके कक्षीकार की फर्म के बारे में अनर्गल और निराधार जानकारियां देकर डीएसओ ने उनकी छवि और प्रतिष्ठा को धुमिल किया है। इससे उनके कक्षीकार को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। इसलिये उनको सात दिन का मानहानि का विधिक नोटिस दिया गया है, जिसमें डीएसओ को ताकीद की गई कि वे अपने कथनों का खंडन करें, अन्यथा उनके खिलाफ सक्षम न्यायालय में मानहानि की चाराजोई की जाएगी।

     

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