Rajasthan news : श्रीगंगानगर - महापुरुषों की गौरव गाथाएं’ का हुआ विमोचन , सद्साहित्य की संगति ही मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है
श्रीगंगानगर : अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई श्रीगंगानगर, गंगानगर कला मंच एवं राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय श्रीगंगानगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिक्षाविद् मनीराम सेतिया की सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘महापुरुषों की गौरव गाथाएं’ का विमोचन समारोह शुक्रवार अपरान्ह जिला पुस्तकालय, श्रीगंगानगर में सम्पन्न हुआ। माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। वैदिक गुरुकुल कन्या आश्रम, फतूही के संस्थापक स्वामी सुखानंद जी महाराज के सानिध्य में हुए इस कार्यक्रम में, उन्होंने पुस्तक विमोचन के अवसर पर कहा कि स्वाध्याय जीवन का नियम है। सद्साहित्य की संगति ही मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर परिषद की सभापति श्रीमती करूणा चांडक ने मनीराम सेतिया की पुस्तक ‘महापुरुषों की गौरव गाथाएं’ के प्रकाशन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन’ शब्द की व्यापक महिमा है। यदि ‘मन’ के पूर्व में ‘न’ जोड़ दिया जाए तो ‘नमन’ और ‘मन’ के बाद ‘न’ जोड़़ दिया जाए तो ‘मनन’ बनता है। अत: महापुरुषों को नमन और मनन करती यह पुस्तक जीवन में दिशा बोध देने का सतुत्य प्रयास है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) के उपायुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि शिक्षाविद् सेतिया की इस पुस्तक में 63 महापुरुषों की जीवनियों को बहुत ही सरल, सहज और रोचक रूप में प्रस्तुत किया गया हैकार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं हिमालय परिवार के प्रदेशाध्यक्ष शिव स्वामी ने कहा कि सेतिया जी ने इस पुस्तक में ऐसी दिव्य आत्माओं को एक पंक्ति में लाने का प्रयास किया है, जिनमें कोई कलम का धनी तो कोई वाणी का धनी तो कोई भारत माता की आन-बान-शान के लिए तलवार का धनी रहा है। ऐसे महापुरुषों के जीवनवृत्त को बहुत सलीके से लेखक ने पुस्तक में पिरोया है, तदर्थ वे साधुवाद के पात्र हैं। इसी कड़ी में पूर्व पीएमओ डॉ. ओ.पी. गोयल तथा तपोवन ब्लड बैंक के अध्यक्ष उदयपाल झाझडिय़ा तथा सृजन संस्थान के सचिव वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्ण कुमार आशु ने भी मनीराम सेतिया के कृतित्व को प्रेरणास्रोत बताते हुए, उन्हें शुभकामनाएं अर्पित की।
200 पेजों की 63 महापुरुषों के जीवनवृत्त को संजोने वाली इस पुस्तक की समीक्षा डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय, श्रीगंगानगर के एसोसिएट प्रोफेसर (हिन्दी) डॉ. गोपीराम शर्मा ने कहा कि समाजसेवी एवं चितंक मनीराम सेतिया ने अपनी पुस्तक में राष्ट्रनायकों के महान चरित्रों को पिरोकर भावी पीढ़़ी के आदर्श जीवन दर्शन की अनुभूति करवाने का स्तुति योग्य प्रयास किया है पुस्तक के लेखक मनीराम सेतिया ने अपने लेखन की यात्रा वृतांत को सांझा करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत और चेतना को विस्मृत करती जा रही है। ऐसी स्थिति में उनका यह संकलन निश्चित रूप से ही राष्ट्र उन्नायकों के चरित्र के माध्यम से समाज में फैले वैमनस्य और विकारों को दूर कर राष्ट्र के प्रति निष्ठा तथा सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्मित करने में सहायक होगा।
इस अवसर पर शिक्षाविद् मनीराम सेतिया का भव्य नागरिक अभिनंदन भी किया गया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पदाधिकारियों द्वारा डॉ. के.डी. लीला व सेवानिवृत्त प्रोफेसर बनवारीलाल शर्मा के संयोजन में प$गड़ी पहनाकर अभिनंदन किया गया। इसी कड़ी में हिन्दी प्रचार समिति के अध्यक्ष समाजसेवी जगीरचंद फरमा के नेतृत्व में शॉल, सम्मान प्रतीक एवं श्रीफल से अभिनंदन किया गया। तपोवन वरिष्ठजन सेवा समिति अध्यक्ष मदनलाल जोशी, गंगानगर कला मंच के पदाधिकारी योगराज भाटिया, ऋतु सिंह तथा सामाजिक एवं धार्मिक संस्थायें महासंघ के अध्यक्ष रमेश सिंगल के संयोजन में अनेक संस्थाओं द्वारा शॉल व पुष्पमालाओं से शानदार अभिनंदन किया गया। इस मौके पर मनीराम सेतिया की धर्मपत्नी श्रीमती कृष्णा सेतिया भी अपने पूरे परिवार सहित उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में डॉ. कृष्णकुमार ‘आशु’ का भी उनके साहित्यिक अवदान के लिए शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। सभी मंचासीन अतिथियों का स्मृति चिन्ह एवं पुष्पमालाओं से अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के अंत में जलपान का आयोजन हुआ। मंच संचालन जिला पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. रामनारायण शर्मा ने किया तथा आभार अखिल भारतीय साहित्य परिषद के विभाग संयोजक डॉ. बलवंत सिंह चौहान ने किया। कार्यक्रम में शहर के अनेक गण्यमान्य व्यक्ति, प्रबुद्ध पाठक एवं साहित्यकार, शिक्षा जगत से जुड़़े शताधिक लोग मौजूद रहे। यह जानकारी जिला पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. रामनारायण शर्मा ने दी।
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