Turkey Syria Earthquake Situation Update : तुर्की-सीरिया भूकंप त्रासदी में 11 हजार से ज्यादा की लोगों की मौत : बर्फबारी और बारिश के कारण बचाव कार्य प्रभावित
तुर्की और सीरिया में भूकंप के झटकों से हालात बिगड़ते जा रहे हैं अब तक कुल 11,416 लोगों की मौत हो चुकी है घायलों की संख्या 40 हजार के करीब पहुंच गई है. दोनों देशों की मदद के लिए 70 से ज्यादा देश आगे आए हैं भारत भी 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद भेज रहा है दरअसल, 'फ्रेंड' शब्द तुर्की और हिंदी भाषा में इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन को फ्रेंड नाम दिया गया है।
इधर,भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तुर्की में आए भूकंप के बाद से एक भारतीय नागरिक लापता है. साथ ही 10 भारतीय तुर्की के सुदूर इलाकों में फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं यूएन ने कहा है कि भूकंप प्रभावित दोनों देशों में बर्फबारी और बारिश के कारण बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है भूकंप के केंद्र गाजियांटेप के निवासियों का कहना है कि आपदा के 12 घंटे बाद भी उनके पास मदद नहीं पहुंची है।
भूकंप के बड़े अपडेट्स
तुर्की के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में लोगों को हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है।
भारत ने तुर्की में बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की टीमों के साथ गरुड़ एयरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भेजे हैं।
तुर्की में अब तक 8,754 लोगों की जान जा चुकी है और 35,000 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है।
सीरिया में 2,662 से अधिक लोग मारे गए और 4 हजार से अधिक घायल हुए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मरने वालों की संख्या 20 हजार के पार जा सकती है।
तुर्की में 8 हजार लोगों की जान बचाई जा चुकी है. बचाव अभियान के लिए 60 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए गए हैं। यहां करीब 3 लाख 80 हजार लोगों ने सरकारी आश्रय स्थलों और होटलों में शरण ली है.
भूकंप के कारण तुर्की 10 फीट आगे बढ़ गया
भूकंप का केंद्र तुर्कीये था। इसे देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि यहां टेक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक चुकी हैं। दरअसल, तुर्की 3 टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच स्थित है। ये प्लेटें एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट, यूरेशियन और अरेबियन प्लेट हैं।
जानकारों के मुताबिक एनाटोलियन टेक्टॉनिक प्लेट और अरेबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर जा चुके हैं।
इससे तुर्की अपनी भौगोलिक स्थिति से 10 फुट आगे खिसक गया है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने कहा कि टेक्टोनिक प्लेटों में हुए इस बदलाव की वजह से तुर्की सीरिया से 5 से 6 मीटर (करीब 20 फीट) ज्यादा नीचे धंसा होगा। उन्होंने कहा- हालांकि शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट तस्वीरों से सटीक जानकारी मिल पाएगी।
तस्वीर देखकर समझिए वहां के हालात
6 फरवरी को 3 बड़े भूकंप आए थे
6 फरवरी की सुबह तुर्की और सीरिया में 3 बड़े भूकंप आए। तुर्की के समय के अनुसार, पहला भूकंप सुबह करीब 4 बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
इसके अलावा 243 आफ्टरशॉक्स भी रिकॉर्ड किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 थी। तुर्की में 7 फरवरी को सुबह 8 बजकर 53 मिनट पर दूसरा भूकंप आया था। इसके बाद दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।
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