• Breaking News

    केंद्र सरकार के चुने हुए चुनाव आयुक्त ही 2024 के लोकसभा चुनाव करवाएंगे, सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर दिया गया फैसला 2024 के लोकसभा चुनाव तक बेअसर




    सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ ने गुरुवार को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि - एक अच्छे लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया की स्पष्टता बनाए रखना बहुत जरूरी है नहीं तो इसके अच्छे परिणाम नहीं होंगे मुख्य चुनाव आयुक्त की सीधी नियुक्ति गलत है हमें एक ठोस और उदार लोकतंत्र की पहचान अपने दिमाग में रखनी होगी वोट की ताकत सबसे बड़ी होती है इससे मजबूत दल भी सत्ता गंवा सकते हैं इसलिए चुनाव आयोग का स्वतंत्र होना जरूरी है।




    श्री केएम जोसेफ सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्य संविधान पीठ के अध्यक्ष भी हैं जस्टिस केएम जोसेफ ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि अदालत ने आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री लोकसभा में विपक्ष का नेता और सीजेआई वाला एक पैनल चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर फैसला करेगा आपको बता दें कि चुनाव आयुक्त हो अभी सीधे केंद्र सरकार ही नियुक्त करती है सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह फैसला सुनने में बड़ा सख्त और किसी बड़े बदलाव का हमें लगता है लेकिन इस फैसले की जमीन भी सच्चाई इन संभावनाओं से हटके है



    दरअसल,सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला चुनाव आयुक्तों पर 2024 के लोकसभा चुनाव तक बेअसर रहेगा दूसरी ओर फैसले के लागू होने के बावजूद केंद्र सरकार के चहेते अधिकारी ही चुनाव आयुक्त बनेंगे चुनाव आयुक्तों के कामकाज और नियुक्ति में पारदर्शिता का यह मामला 2018 से सुप्रीम कोर्ट में था कई याचिकाएं थीं पांच जजों की संविधान पीठ ने 17 नवंबर 2022 से सुनवाई शुरू की



    अगली सुनवाई से पहले ही भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल को 18 नवंबर को वीआरएस मिल गया और अगले ही दिन यानी 19 नवंबर को अरुण गोयल को पीएम की सिफारिश पर चुनाव आयुक्त बना दिया गया 23 नवंबर को अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति सुनवाई के बीच में नहीं होनी चाहिए थी खासकर तब जब यह पद 15 मई 2022 से खाली है पीठ ने नियुक्ति से जुड़े दस्तावेजों की जांच करने की बात कही साथ ही अटॉर्नी जनरल से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया स्पष्ट करने को कहा।


    इसके बाद कई सुनवाई के बाद 2 मार्च 2023 को जब संविधान पीठ का फैसला आया तो चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर कोई आदेश नहीं आया. इसका मतलब यह है कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त और दो में से एक चुनाव आयुक्त 2024 के लोकसभा चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे साफ है कि 2024 का आम चुनाव मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के नेतृत्व में होगा. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के समय ही लागू होगा।



    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार ही नामों की सिफारिश करेगी

    किसे मुख्य चुनाव आयुक्त बनाना है और किसे आयुक्त बनाना है, इसके लिए पहले नाम सुझाए जाते हैंआगे भी ऐसा ही होगा कानून मंत्रालय नाम सुझाएगा। फिर उन्हीं नामों में से किसी एक को प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पैनल फाइनल करेगा।पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का कहना है कि यहां भी सरकार द्वारा दिए गए नामों में से एक ही नाम चुना जाएगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शायद कोई भी इस तरह के आरोप नहीं लगा पाएगा कि फलां-फलां मुख्य चुनाव हुए आयोजित कमिश्नर मोदी ने बनाया है या सोनिया गांधी के करीबी हैं। मैं खुद दो दशक से इस बदलाव की मांग उठा रहा हूं।



    कोई टिप्पणी नहीं