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    डूंगरपुर राजघराने की राजकुमारी वह बीकानेर रियासत की महारानी महाराजा करणी सिंह की पत्नी पूर्व राजमाता श्रीमती सुशीला कुमारी का निधन


    राजस्थान -  बीकानेर के पूर्व राजघराने उस समय शोक की लहर दौड़ गई जब बीकानेर के राज परिवार की अंतिम महारानी राजमाता श्री सुशीला कुमारी का स्वर्गवास हो गया  बीकानेर राजघराने के लिए यह एक दुखद घटना है।

     बीकानेर की पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी वृद्धावस्था होने के कारण  पिछले काफी लंबे समय से बीमार चल रही थी। शुक्रवार देर रात लालगढ़ स्थित अपने आवास पर पूर्व राजमाता ने 95 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। 

    जैसे ही बीकानेर की पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी के निधन की खबर से  फैली तो बीकानेर समेत   राजस्थान के कई बड़े पूर्व राजघरानों में शोक  व्याप्त हो गया है।  बीकानेर  राजघराने की पूर्व राजमाता के निधन पर  बीकानेर शहर के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने शोक सवेदनाएं व्यक्त की।

    बीकानेर सियासत की राजमाता रही सुशीला कुमारी पूर्व महाराजा डॉ. करणी सिंह की पत्नी थी और डूंगरपुर राज परिवार की राजकुमारी थी। राजमाता पिछले कई सालों से अस्वस्थ चल रही थीं।

    उन्होंने आम लोगों से मिलना भी बंद कर दिया था। हालांकि,  अस्वस्थता के बाद भी वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरी भली-भांति पूरा करती थीं।


    रविवार को होगा अंतिम संस्कार

    बीकानेर राजघराने की पूर्व राजमाता  का पार्थिव शरीर शनिवार को आम लोगों के दर्शनों के लिए रखा गया ।  जिसके बाद रविवार को बीकानेर स्थित सागर गांव में स्थित राजघराने के श्मशान घाट राजपरिवार के रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

    आपको बता दे कि आजादी के बाद लोकतंत्र स्थापित होने के बाद राजघरानों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया और राजपाट का दौर समाप्त हो गया इसके बावजूद भी राजस्थान की सियासत में बीकानेर का नाम हमेशा ऊपर रहा इस राजघराने की पोत्री अब राजस्थान विधानसभा में विधायक चुनी हुई हैं।

    राजस्थान की विधानसभा में अपने क्षेत्र के  सभी मुद्दों को भलीभांति वाली विधायक सिद्धि कुमारी पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी की पौत्री हैं सिद्धि कुमारी बीकानेर से तीन चुनावों में लगातार विधायक रही हैं मौजूदा विधायक भी वही है

    राजमाता की जिंदगी का सफर

    डूंगरपुर राज परिवार में 1929 को जन्मी श्रीमती सुशीला कुमारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राज सिंह डूंगरपुर की बहन थी उनका विवाह बीकानेर राजघराने  के महाराजा सरदूल सिंह के पुत्र राजकुमार करणी सिंह के साथ हुआ राजकुमार करणी सिंह के राज्याभिषेक के बाद सुशीला कुमारी को महारानी का सम्मान प्राप्त हुआ बीकानेर के महाराजा करणी सिंह 1952 से 1977 तक बीकानेर के सांसद भी रहे और सुशीला कुमारी ने लोकतंत्र में कई महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई 6 सितंबर 1988 को महाराजा करणी सिंह के स्वर्गवास के बाद राज परिवार की सभी जिम्मेदारियों को राजमाता सुशीला कुमारी ने बखूबी संभाला और अंतिम समय तक भी वह अपने दायित्वों को पूरा करने में ही लगी रही लंबे समय से बीमार रहने के बावजूद भी हो अपने शहर के लोगों के लिए अपनी जिम्मेदारियां निभाती रही

    राजस्थानी संस्कृति को नहीं छोड़ा

    बीकानेर की पूर्व राजमाता को अपनी मातृभाषा से बहुत ज्यादा लगाव था यही कारण रहा कि वह हमेशा राजस्थानी संस्कृति और राजस्थानी भाषा को ही महत्व देती थी और हर आने जाने वाले मेहमान से राजस्थानी भाषा में ही बात किया करती थी यहां तक पता चला है कि अगर कोई उनके सामने किसी दूसरी भाषा में हिंदी अंग्रेजी में भी अगर बात करने की कोशिश करता तो उसे भी ठोक दिया करती थी कि क्या तुम्हें राजस्थानी नहीं आती ऐसे व्यक्तित्व  की धनि थी पूर्व राजमाता  श्रीमती सुशीला कुमारी जी आर भारत न्यूज़ वेबसाइट की पूरी टीम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है।




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