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    श्रीगंगानगर : कालियां में रेटआर्ट आरजे थियेटर ग्रुप द्वारा नशे के खिलाफ पंजाबी नाटक का मंचन किया गया




    श्रीगंगानगर: युवा वर्ग को नशे के चंगुल से बचाने के लिए नशे के खिलाफ जागृति अभियान के तहत रेडआर्ट आरजे थियेटर ग्रुप द्वारा नवाचार रंगमंच कार्यक्रम के माध्यम से ‘अर्थियां उठाने से अच्छा है जिम्मेदारी उठा लो’ नशे के खिलाफ पंजाबी नाटक का मंचन किया गया तथा नशे से दूर रहने का संदेश दिया गया। जिला कलक्टर सौरभ स्वामी द्वारा चलाई गई अभिनव मुहिम के अन्तर्गत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कालियां में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य धनसीराम लहुआ ने की।

                                            

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि सरपंच पवनदीप सिंह गिल एवं विशिष्ट अतिथि अजय कुमार, अनिता मुंडासिया, इन्दुभूषण चावला, ऐंकर श्रीमती ऊषा मिड्ढा पुस्तकालयाध्यक्ष, नशा विरोधी महिला कविता मुंडासिया सहित रेडआर्ट थियेटर ग्रुप के विक्रम ज्याणी, कुमारी लक्ष्या ज्याणी आदि कलाकार, विद्यालय स्टाफ, अभिभावकगण, जनप्रतिनिधि एवं गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

                                     

    प्रार्थना मंच में नशे के खिलाफ आयोजित पंजाबी नाटक ‘अर्थियां उठाने से अच्छा है जिम्मेदारी उठा लो’ के प्रभारी एवं कलाकार विक्रम ज्याणी ने बताया कि आज मौत के सौदागर नशे को बेचने हेतु विद्यालयों एवं कॉलेजों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को नशीले पदार्थों को बेचने एवं सेवन की लत डालने हेतु चुन रहे हैं। कृत्रिम आनन्द की अनुभूति के लिए बालक, युवा या कोई व्यक्ति किसी नशीले पदार्थ का सेवन करता है तो उस क्षणिक सुख का उसके शरीर व मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़़ता है एवं सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है तो इसे ‘नशा’ कहते हैं। 

                                   


    नशा किसी अभोज्य खाद्य पदार्थ पर कृत्रिम निर्भरता और उसकी गुलामी के समान है, जो नशे के लगातार सेवन से उस पर हमें न केवल निर्भर बना देता है, बल्कि हमारी दैनन्दिनी व हमारे परिवार को भी प्रभावित करता है। वर्तमान काल में पाश्चात्य सभ्यता, चलचित्रों की अपसंस्कृति, फैशनपरस्ती, बेरोजगारी, कुण्ठा आदि दुष्प्रभावों से युवाओं में नशे की कुप्रवृत्ति बढ़ रही है। आधुनिक युग में प्रयोगशालाओं में नये-नये रसायनों के माध्यम से युवाओं के लिए नशे के प्रयोग हो रहे हैं। 

    नशे का बुरा पहलू यह है कि शुरूआत में सिर्फ शौक या फिर क्षणिक आनंद के लिए इसका प्रयोग किया जाता है, लेकिन बाद में यही शौक लत (आदत) बन जाती है। इसकी चरम परिणति यह है कि नशे पर मानसिक निर्भरता हो जाती है। वर्तमान में हमारे देश के युवाओं में नशे की कुप्रवृत्ति बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है। अब तो आतंक की बढ़ रही गतिविधियों में अवैध रूप से सीमापार से हो रही तस्करी एक प्रमुख कारण के रूप में हमारे सामने आ रही है। 

                                

    आतंकवाद और नशे के तस्करों का यह सम्बन्ध भारत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी खतरे के रूप में देखा जा रहा है। आतंकवादी, नशे के सौदागर व पड़ौसी विदेशी नागरिक, जो इस अवैध धंधे के माध्यम से भारतीय नौजवानों को इस नरकीय जीवन में धकेलने का कार्य कर रहे हैं, हमें इससे विद्यार्थियों को बचाने के लिए उन्हें जागृत करना है। माता-पिता व अभिभावकों को सजग करना है। खुद विद्यार्थियों को भी सचेत करना है। अपने व अपने साथियों को इससे बचाने हेतु प्रयास करने हैं। जिला कलक्टर सौरभ स्वामी द्वारा अभिनव पहल की गई है। जागृति अभियान के माध्यम से युवाओं को नशे से दूर रखकर अच्छे संस्कार भरे जा रहे हैं, ताकि युवा शक्ति का सदुपयोग समाज एवं राष्ट्रहित के उत्थान में हो सके। नशे से विद्यालय स्टाफ व पारिवारिक सदस्यों के सहयोग से एवं दृढ़ आत्मविश्वास सेनियंत्रण पा सकते हैं।



    इस मौके पर मंचित लघु नाटिका में दिखाया गया कि एक अच्छे परिवार का युवा नशे की गिरफ्त में आ जाता है। उसका परिवार है, माता-पिता, पत्नी व एक 7 वर्ष की बच्ची है। सम्मानित परिवार के इस युवा द्वारा प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के सेवन से उसका सब कुछ बिक जाता है। यहाँ तक की बर्तन भी बिक जाते हैं। माता-पिता के बाद उसकी पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है। बच्ची को खाने-पीने के लाले पड़ जाते हैं। बाप-बच्ची को मारता-पिटता है। सब कुछ बिकने के बाद भी उसको नशा नहीं मिलता तो नशे के सौदागर एक नशे के लिए उस बच्ची को बेच देता है। नशे के कारण परिवार गया, बच्ची गई, सब कुछ गया। इस लघु नाटिका से भी हमें सीखना है तथा बच्चों व युवा पीढ़ी के साथ संवाद कायम करके उन्हें नशे से बचाना है। नशा पीडि़त का पूरा व्यक्तित्व इससे प्रभावित होता है। नशा सम्पूर्ण परिवार के लिए घातक है। यह परिवार की आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करता है, जिससे समस्याओं की नवीन श्रृंखला परिवार में शुरू हो जाती है। घरेलू हिंसा, कर्जा, सामाजिक उपहास व जीवन हानि इसके दुष्परिणाम हैं।

                                                 

                                               


    इस प्रभावी नाटक मंचन की सभी ने भरपूर सराहना की। इसके माध्यम से संदेश दिया गया कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए हमें हर तरह से प्रयास करने हैं। नशे की असान उपलब्धता को कठोरता से नियंत्रित करना होगा। स्कूल-कॉलेजों के आसपास अथवा जहां युवाओं को आसानी से इसका शिकार बनाया जा सकता है, वहां पुलिस के द्वारा कार्यवाही कर कठोरता से धरपकड़ की जा सकती है। नशे के पीडि़त की समस्या का निदान तथा उसका पुनर्वास करना है। 



                                            

    कई बार निजी समस्या जैस बेरोजगारी, पारिवारिक कलह, बीमारी आदि के चलते युवा नशे का शिकार हो जाता है। व्यक्ति नशे की लत के दुष्चक्र से मनोबल से उचित काऊंसलिंग से निकल सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों की परेशानी समझकर, उन्हें सम्बल प्रदान कर, उसकी काऊंसलिंग कर उनकी मदद की जा सकती है और उन्हें नशे की लत से बाहर लाया जा सकता है। पीडि़त के प्रति सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार आवश्यक है, ताकि वह अपराधबोध से मुक्त हो सके। पीडि़त को यह अहसास कराना जरूरी है कि वह बीमार है, न कि अपराधी। सामाजिक बंदिशें, सामाजिक मर्यादाओं एवं सरकारी कानूनों का पालन करने से भी मादक पदार्थों के अवैध व्यापार पर अंकुश लग सकता है। युवाओं को सत्परामर्श से भी नशा प्रवृत्ति से मुक्त किया जा सकता है।  


                                               


    आत्मनियंत्रण तथा इच्छा शक्ति से सब कुछ सम्भव है। मादक पदार्थों का खुलेआम विक्रय करना अथवा सेवन करना भले ही अपराध घोषित किया गया है, परन्तु इस पर कारगर नियंत्रण आवश्यक है। नशे की प्रवृत्ति को परिवार की सहायता से, चिकित्सकीय परामर्श से तथा आत्मिक दृढ़़ इच्छाशक्ति से रोका जा सकता है। हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए। नशे से होने वाली बीमारियों की सही व पर्याप्त जानकारी रखनी चाहिए तथा नशे का प्रत्येक स्तर पर विरोध करना चाहिए एवं दबाव पडऩे पर दृढ़ता से साहसपूर्वक ‘ना’ कहने के कौशल का उपयोग करना चाहिए। प्रधानाचार्य ने रेडआर्ट थियेटर ग्रुप द्वारा नशे के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि पूरा परिवार परिवार इस मुहिम के साथ है तथा उन्होंने युवा पीढ़ी के बारे में सकारात्मक सोच रखते हुए जनजागृति अभियान चलाने पर आभार व्यक्त किया।










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