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    राजस्थान की सब इंस्पेक्टर दिल्ली में अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार , हरियाणा के पानीपत की रहने वाली इंटरनेशनल बॉक्सर है सब इंस्पेक्टर नैना कदवाल



    राजस्थान पुलिस की सब इंस्पेक्टर नैना कैनवाल खूब सुर्खियों में है नैना हरियाणा के रोहतक  की एक कालोनी के फ्लैट में अवैध हथियारों समेत पकड़ी गई  नैना पानीपत के गांव सुताना की रहने वाली है पुलिस ने हथियार बरामदगी के बाद उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।



    नैना कैनवाल हरियाणा में सरकारी नौकरी नहीं मिली तो राजस्थान से खेलने लगी। जहां  नैना कंडवाल का  वर्दी पहनने का ख्वाब पूरा हो गया आपको बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नैना चंदवार के लाखों में फॉलो वर्ष हैं और वह 7 बार हरियाणा केसरी का खिताब भी ले चुकी है इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजस्थान पुलिस निलंबित करने जा रही है

    पहले गिरफ्तारी से जेल तक का पूरा मामला पढ़िए...

    रोहतक की सनसिटी हाइट्स के फ्लैट में दो दिन पहले दिल्ली पुलिस की रेड हुई। पुलिस यहां वांटेड बदमाश सुमित नांदल की लोकेशन ट्रेस करते हुए पहुंची। पुलिस के आने से कुछ घंटे पहले सुमित नांदल भाग चुका था। जब पुलिस ने घंटी बजाई तो एक महिला निकली वह पुलिस को फ्लैट के दरवाजे पर देख घबरा गई। उसके हाथ में 2 पिस्टल थे, जो उसने नीचे फेंक दिए। पुलिस ने जांच की तो दोनों अवैध निकले। पुलिस ने महिला को हिरासत में लिया तो पता चला कि वह राजस्थान पुलिस की सब इंस्पेक्टर नैना कैननवाल है। पुलिस ने उस पर केस दर्ज कर लिया। नैना ने कहा कि वह डेढ़ साल से सुमित के संपर्क में थी मगर उसे ये पता नहीं था कि वह दिल्ली पुलिस का वांटेड है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2021 में रोहतक के गांव बोहर निवासी सुमित नांदल के खिलाफ दिल्ली के मोहन गार्डन थाने में अपहरण और उगाही का मामला दर्ज हुआ था।




    नैना बचपन से ही कुश्ती की खिलाड़ी रही 

    हरियाणा के जिला पानीपत के गांव सुताना में किसान परिवार में पिता पूर्व सरपंच रामकरण व मां पूर्व सरपंच बाला देवी परिवार में नैना का जन्म 2 फरवरी 1996 को हुआ। नैना बचपन से ही कुश्ती की खिलाड़ी रही है।


    पिता को पहलवानी का शौक, इसलिए बनी कुश्ती खिलाड़ी 

    नैना के मम्मी, पापा व भाई का सपना था कि खेल की बदौलत बेटी को अच्छी कामयाबी मिलेगी। परिवार में एक भाई निखिल कैनवाल, विलायती भाभी है। दोनों भाई बहन को पहलवानी का शौक है। पिता पूर्व सरपंच रामकरण को भी पहलवानी का शौक रहा। वह भी पहलवानी किया करते थे। रामकरण सन 2005 से गांव के सरपंच बने तथा 2010 में मां बाला देवी सरपंच रही है।


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