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    श्रीगंगानगर महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय पुलिस लाईन में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया गया - उत्कृष्ट सेवाओं के लिए महिला अध्यापकों को किया गया सम्मानित

    महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय पुलिस लाईन में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया गया - उत्कृष्ट सेवाओं के लिए महिला अध्यापकों को किया गया सम्मानित- भामाशाहों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया गया सम्मानित एवं मिठाई वितरित की गई





    श्रीगंगानगर : महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय नं. 5 पुलिस लाईन, श्रीगंगानगर में आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। इस कार्यक्रम में नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया गया तथा होली व अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में हुई प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों केा सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ प्रतियोगता में भग लेने वाले विद्यार्थियों को भी उपहार भेंटकर प्रोत्साहित किया गया। इस कार्यक्रम की विशेष बात यही रही कि महिलाओं ने अग्रणी भूमिका निभाई तथा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि महिलायें हीं थी एवं मंच संचालन भी महिलाओं द्वारा ही किया गया। 


    कार्यक्रम में पुरस्कारों की व्यवस्था श्रीमती अन्जू अग्रवाल, रामदास बंसल, देवराज बजाज, इन्दुभूषण चावला, विक्रम ज्याणी द्वारा की गई एवं मिठाई एवं व्यवस्थाओं में सहयोग रमन मोयल संचालक लक्ष्मी लाईब्रेरी का रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती अन्जू अग्रवाल, अध्यक्षता प्रधानाचार्य श्रीमती रिम्पा तलवार, विशिष्ट अतिथि श्रीमती मंजू, श्रीमती पूनम मीणा, श्रीमती सरोज, श्रीमती मंजू चौधरी, सुरज्ञान कंवर, सजू कंवर, माया, शिखा, सोनम मीणा आदि थे। सफल मंच संचालन पूजा लड्ढा ने किया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पूजा लड्ढा, सोनू, शैफाली, आदि को सम्मान प्रतीक देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ मिड-डे मिल योजना के तहत पोषाहार बनाने वाली मातृशक्ति ममता, रीना, प्रीति को पुलिस लाईन की महिलाओं श्रीमती मंजू, सरोज, सुगन मीणा आदि द्वारा सूट भेंट कर सम्मान किया गया। विद्यालय स्टाफ, सोनू, शैफाली, अर्जुन चौहान, मधुसूदन, मणीभद्र, दलीप सर, नौरंग राय, रमनजीत, मनीष, महिला आदि का सराहनीय सहयोग रहा।


    सर्वप्रथम प्रधानाचार्य श्रीमती रिम्पा तलवार ने विद्यालय परिवार की ओर से समस्त अतिथियों, भामाशाहों व आगंतुकों का अभिनंदन करते हुए, समय-समय पर निरन्तर दिए जा रहे महत्वपूर्ण सहयोग के लिए साधुवाद दिया तथा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि परिवार की आधारशिला है नारी। धैर्य ममता की पाठशाला है नारी। पुरुष जीवन की पूरक है, बाल भविष्य हित आया है नारी। हमारे देश में अब नारी के उन्नयन का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। 


    अब नारी ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक प्रतिनिधित्व करती है। समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, साक्षरता, सर्वशिक्षा अभियान आदि के प्रचलन से गाँवों की नारियों में भी जागृति आ रही है। इस तरह अब नारी अपने व्यवहार तथा परम्परागत संस्कारों से समाज को नई दिशा देने में सक्षम है। वह अपने अधिकारों को स्वतंत्रतापूर्वक उपयोग कर सकती है तथा पुरुष वर्ग की प्रेरणा बनकर मंगलमय सामाजिक जीवन का निर्माण कर सकती है। समाज का रहन-सहन, आचरण, संस्कार, धार्मिक आस्था, आदर्श आदि सभी का प्रसार कर सामाजिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक जीवन के उत्थान में नारी आज महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्त्री शिक्षा के प्रचार-प्रसार के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। जिस राष्ट्र में नरियां शिक्षित होती है, वह राष्ट्र उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है। 


    नारी प्रेम, समर्पण एवं त्याग का प्रतीक है। स्वतंत्रता संग्राम में नारियों के शौर्य की गाथाएं प्रचलित है। नरी मानव सृष्टि की अनुपम देन है। नारी शक्ति है, प्रेरणा है और जीवन की आवश्यक पूर्ति है तथा आज हर क्षेत्र में सशक्त होकर उभर रही है। नारी ने सत्ता व राजनीति में सफल नेतृत्व प्रदान किया है। सन् 1918 में 8 मार्च को पहली बार एक सम्मेलन में इस दिन को महिला दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला वर्ष और 1980 को महिला विकास वर्ष घोषित किया। महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग तथा विभिन्न राज्यों में राज्य महिला आयोगों की स्थापना की गई है, जो सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की उपलब्धियों तथा विभिन्न देशों में महिलाओं की बालक से बालक एवं बालिकाओं को अवगत कराना चाहिए। समाज में बालक और बालिकाओं के प्रति समान व्यवहार, दृष्टिकोण रखने की भावना उत्पन्न करनी चाहिए।



    मुख्य अतिथि श्रीमती अंजू अग्रवाल ने बताया कि आज महिला दूसरों का अधिक तथा अपना कम ध्यान रखती है। उसको यह भी पता नहीं चलता कि उसे चक्कर क्यों आया? अधिकतर महिलाओं का सोचना है कि काम की वजह से कमजोरी व थकान महसूस हो रही है, जबकि उसमें आयरन व खून की कमी होती है। इसलिए उसे स्वयं को स्वच्छ व स्वस्थ रखना है। योग और व्यायाम से अनेक प्रकार की व्याधियों का निराकरण किया जा रहा है। योग आदि से जटिल रोगों तक में रोगियों को लाभ मिलता है। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग की गतिविधियों की जानकारी दी तथा तनावमुक्त जीवन जीने की कला सिखाई।


    भारतीय संस्कृति में व्रत, पर्व एवं उत्सवों का विशेष महत्व है। सवेरे सोना और सवेरे जागना मानव को स्वस्थ, सफल एवं बुद्धिमान बनाता है। इन्सान के काम की कोई सीमा नहीं है। वह हमेशा स्वयं को व्यस्त रखता है। उस व्यस्तता के कारण आज मानव शरीर तनाव, थकान, बीमारी इत्यादि का घर बनता जा रहा है। आज उसने हर प्रकार की सुख-सुविधाएं तो अर्जित कर ली है, किन्तु उसके सामने शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने की चुनौती आ खड़ी हुई है। आज काम के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना जाए तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी। महात्मा गाँधी ने कहा है कि ‘स्वास्थ्य ही असली धन है, सोना और चाँदी नहीं।’ सचमुच यदि स्वस्थ न रहे तो उसके लिए दुनिया की हर खुशी निरर्थक होती है। उसी व्यक्ति को स्वस्थ कहा जा सकता है, 


    जो शारीरिक एवं मानसिक दोनों रूपों में स्वस्थ है। साइरस ने ठीक ही कहा है कि अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी समझ, जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान है। मनुष्य को अपने शरीर को क्रियाशील एवं अन्य विकारों से दूर रखने के लिए शारीरिक व्यायाम आवश्यक है। शिक्षा एवं मनोरंजन के दृष्टिकोण से भी व्यायाम का अत्याधिक महत्व है। व्यायाम एवं योग से न केवल तनाव, थकान, बीमारी एवं अन्य समस्याओं का समाधान सम्भव है। बल्कि मानव मन को शान्ति प्रदान करने में भी उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। इस तरह यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है एवं तनाव से भी छुटकारा दिलाता है।


    कार्यक्रम में वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुए कहा कि नारी शिक्षा एवं नारी सशक्तिकरण द्वारा हम राष्ट्र को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा सकते हैं। भारतीय संविधान द्वारा स्त्री-पुरुष को समान दर्जा दिए जाने के बाद भी देश की महत्वपूर्ण राजनीतिक संस्थाओं में स्त्री की भागीदारी आज भी 20 प्रतिशत से कम है। अगर महिलाओं को विधायिकाओं में आरक्षण देने की बजाय शैक्षिक एवं आर्थिक क्षेत्र में विकास के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाते तथा समाज में ऐसा वातावरण निर्मित किया जाता है तो आज महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता के नये आयाम स्थापित कर सकती हैं। वर्तमान में महिलाओं की विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की क्षमता, योग्यता, दृढ़ संकल्प शक्ति तथा बेहतर कार्यप्रणाली ने सबको प्रभावित किया है। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती पूजा लड्ढा ने मंच संचालन करते हुए सफल आयोजन के लिए समस्त अतिथियों, भामाशाहों, अभिभावकों एवं सहयोगकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। 

















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