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    rajasthan news : श्रीगंगानगर, कर्मचारियों-अधिकारियों के प्रमोशन आचार संहिता की आड़ में रोकने का विरोध

     

    • कर्मचारियों-अधिकारियों के प्रमोशन आचार संहिता की आड़ में रोकने का विरोध
    • कर्मचारी महासंघ ने मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन



    श्रीगंगानगर, 20 मार्च 2024: लोकसभा आम चुनाव-2024 की आदर्श आचार संहिता की आड़ में, विभिन्न सरकारी विभागों में अनेक संवर्गों के कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नतियां अघोषित रूप से रोक देने की खिलाफत करते हुए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने विरोध दर्ज करवाया है। कर्मचारी महासंघ के श्रीगंगानगर जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर मांग उठाई है कि राज्य सरकार के समस्त विभागों में कार्यरत तमाम संवर्गों के पात्र कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नतियों की प्रक्रिया को अनवरत जारी रखते हुए 31 मार्च, 2024 से पूर्व सभी पदोन्नति आदेश जारी किए जाएं तथा वर्ष 2023-24 की नियमित डीपीसी को बकाया नहीं रखा जाकर 31 मार्च, 2024 से पूर्व सम्पादित की जाए।
    कर्मचारी महासंघ के श्रीगंगानगर जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा ने ज्ञापन में कहा है
    कि भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय के द्वारा जारी लोकसभा आम चुनाव-2024 की आदर्श आचार संहिता के पत्र क्रमांक 267 दिनांक 2 जनवरी, 2024 के बिन्दु संख्या 22 के अन्तर्गत स्पष्टतया निर्देश दर्ज है कि यूपीएससी, राज्य लोक सेवा आयोग, एसएससी व अन्य वैधानिक अथॉरिटी नियमित पदोन्नतियां जारी रख सकती हैं। इस प्रकार भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय के द्वारा जारी इस निर्देश में पदोन्नतियां रोके जाने का उल्लेख नहीं है। कर्मचारी नेता सतीश शर्मा ने ज्ञापन में कहा है कि राजस्थान सरकार के स्वयं मुख्य सचिव के द्वारा भी अर्द्धशासकीय टीप दिनांक 4 मार्च, 2024 में इस आशय के निर्देश जारी किए हुए हैं कि वर्ष 2023-24 की समस्त डीपीसी 31 मार्च, 2024 से पूर्व सम्पादित की जाएं। 
    अत: अब समस्त विभागों के तमाम संवर्गों के पात्र कर्मचारियों-अधिकारियों की वर्ष 2023-24 की नियमित डीपीसी के साथ-साथ रिव्यू डीपीसी भी 31 मार्च, 2024 से पूर्व सुनिश्चित करते हुए, समस्त विभागाध्यक्षों, नियुक्ति अधिकारियों, पदोन्नति समितियों के अध्यक्षों व सचिवालय के प्रशासनिक विभागों को समुचित निर्देश राज्य सरकार के द्वारा शीघ्र जारी किए जाएं, ताकि राज्य के समस्त विभागों के तमाम संवर्गों के कर्मचारियों-अधिकारियों को हानि नहीं हो।

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