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    चीन से परेशान यूपी का एक शहर, SP के फैसले से हैरान


    समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद में एचटी हसन की जगह रुचि वीरा को लोकसभा टिकट दिया है. ये फैसला इसलिए हैरान करने वाला है क्योंकि मुरादाबाद में 50 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं

    उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर दुनिया भर में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां से पीतल के बर्तन और सजावटी सामान बनाकर देश-विदेश में भेजे जाते हैं। लेकिन इस बार पीतल बाजार में जहां कारोबारी मंदी है, वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार को लेकर कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है.



    पीतल कारोबारियों के मुताबिक कोरोना काल से शुरू हुई मंदी फिर रूस-यूक्रेन की जंग और इजराइल-फिलिस्तीन की लड़ाई में ईरान के शामिल होने से दुनिया भर के बाज़ार मंदी है प्रतिद्वंदी चीन ने भी मंदी को देखते हुए अपने उत्पादों की कीमत कम कर दी है जिस से भारतीय हैंडीक्राफ्ट को कड़ी टक्कर मिल रही है. 


    मुरादाबाद के प्रसिद्ध निर्यातक सतपाल का कहना है कि उनके पास ईरान और रूस से पीतल हस्तशिल्प के बड़े ग्राहक थे। ईरान में भी इसकी भारी मांग थी. अमेरिका द्वारा रूस और ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण डॉलर नहीं चल रहा है. इससे काफी नुकसान हुआ है.सतपाल ने बताया कि अब इन देशों से सिर्फ रुपयों में कारोबार हो रहा है. जिसके कारण बहुत सारा सामान बाहर जाना बंद हो गया है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शिपिंग कंपनियों ने दरें काफी बढ़ा दी हैं जिससे माल ढुलाई काफी बढ़ गई है.



    सतपाल के मुताबिक साल 2021-22 में मुरादाबाद से लगभग 10 हजार करोड़ का निर्यात हुआ था जो घटकर अब 7 हजार करोड़ के करीब रह गया है.आने वाले साल में और भी कम होने की आशंका है. क्योंकि दिल्ली फेयर में भी आर्डर ज्यादा अच्छे नहीं मिले. तपाल को डर है कि दुनिया भर में विश्वयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है जिसकी वजह से विदेशी ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं.


    पीतल बाजार में मंदी का असर चुनाव पर भी देखने को मिल रहा है। इस बार किसी भी पार्टी की ओर से ज्यादा शोर-शराबा या चुनाव प्रचार नहीं हो रहा है मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के कारण इस सीट पर टिकट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी में गुटबाजी देखने को मिल रही है, वहीं बीजेपी प्रत्याशी भी बीमारी के कारण चुनाव प्रचार में नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे चुनाव प्रचार ठंडा नजर आ रहा है.


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    स्थानीय मतदाता अभी कुछ भी तय नहीं कर पा रहे हैं, एक तरफ कारोबार में मंदी उनके लिए बड़ा मुद्दा है तो दूसरी तरफ वे बेरोजगारी से परेशान हैं. पीतल कारोबार से जुड़े आजम अंसारी कहते हैं कि मुरादाबाद के पीतल कारीगरों ने कई साल पहले ही चीन से मुकाबले का रास्ता खोज लिया था।


    आजम अंसारी अफसोस जताते हुए कहते हैं कि हमारे कारीगरों को सरकार से मदद नहीं मिल पा रही थी जिसकी वजह से चीन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में लगातार चुनौती दे रहा है. बाज़ार में मंदी का असर सब पर पड़ा है.यहां का कारीगर आज ई-रिक्शा चलाने को मजबूर है. 


    सरकारी आंकड़ों की बात करें तो नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि मुरादाबाद से करीब 11 हजार करोड़ रुपये का निर्यात और 8 हजार करोड़ रुपये का घरेलू पीतल कारोबार होता है. इस तरह यहां से हर साल 19 हजार करोड़ रुपये का पीतल का कारोबार हो रहा है विश्व के कई देशों में युद्ध के कारण व्यापार प्रभावित हुआ है क्योंकि पीतल के उत्पाद आवश्यक वस्तुओं में नहीं हैं। मनुष्य सबसे पहले अपने भोजन और कपड़ों की वस्तुओं पर खर्च करता है। फिर भी, मुरादाबाद का पीतल उद्योग लगातार प्रगति कर रहा है और हर साल कारोबार बढ़ रहा है।


    कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि पीतल बाजार मंदी की मार झेल रहा है, ऐसे में हर व्यक्ति अपनी रोजी-रोटी को लेकर चिंतित है.नेताओं की बैठकों में जाने का समय किसी के पास नहीं है. उन्होंने अभी तक यह नहीं सोचा है कि वे किसे वोट देंगे.


    गौरतलब है कि मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी से रूचि वीरा प्रत्याशी हैं जिनका विरोध ख़ुद सपा सांसद डॉ एसटी हसन कर रहे हैं.बीजेपी से कुंवर सर्वेश सिंह प्रत्याशी हैं बताया जाता है कि बीमार होने के कारण वह चुनाव प्रचार में दिखाई नहीं दे रहे हैं.उनके बेटे सुशांत और पार्टी के अन्य सभी नेता चुनाव प्रचार कर वोट मांग रहे हैं.



    अब समझिए कि लोग एसपी के फैसले से क्यों हैरान हैं

    समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार रुचि वीरा और पार्टी सांसद डॉ. एसटी हसन के बीच टिकट को लेकर नाराजगी है. सपा ने पहले एसटी हसन को मुरादाबाद से अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन इसके बाद उनका टिकट काट दिया गया और आजम खान की करीबी बिजनोर की रहने वाली रुचि वीरा को टिकट दे दिया गया. रुचि वीरा को अब समाजवादी पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है.



    रुचि वीरा अपने चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं लेकिन सपा सांसद डॉ. हसन ने दूरी बना रखी है। मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के अंदर गुटबाजी बढ़ गई है हाईकमान ने डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से हटाकर जयवीर सिंह यादव को जिम्मेदारी दी है।



    चुनावी माहौल में जिला अध्यक्ष बदले जाने से पार्टी में कई लोग हैरान हैं और इससे गुटबाजी और बढ़ गयी है. सपा प्रत्याशी रुचि वीरा का कहना है कि नाराज सपा सांसद को मना लिया जाएगा।

    रुचि वीरा ने कहा, 'राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझे टिकट दिया है. अगर सांसद को कोई नाराजगी है तो उन्हें अखिलेश यादव से बात करनी चाहिए, इसमें मेरी गलती नहीं है, मैं उन्हें मनाने जाऊंगा. लेकिन सपा सांसद एचटी हसन का कहना है, 'मेरे कार्यकर्ता नाराज़ हैं उन्हें छोड़ कर मैं रुचि वीरा को चुनाव कैसे लड़ा सकता हूं अगर कार्यकर्ता मान जाएंगे तो मैं भी मान जाऊंगा'. 


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