प्रयागराज : मंगलवार और बुधवार की आधी रात को प्रयागराज महाकुंभ के संगम तट पर हुई भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के 17 घंटे बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 लोगों की मौत की पुष्टि की.शाम 6.30 बजे मेला अधिकारी विजय किरन आनंद और डीआइजी वैभव कृष्ण ने 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की.DIG वैभव कृष्ण ने कहा- भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. 60 लोग घायल हैं. 25 शवों की पहचान हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि भगदड़ में मरने वालों में सबसे ज्यादा यूपी के 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है. उन्होंने कहा- घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूटे हुए थे, जिसकी वजह से कुछ लोग जमीन पर सोए थे. उनमें से कुछ भक्तों पर चढ़ गयेइसके बाद अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने बताया कि मेले में कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा.
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा- महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं को वापस भेजने का काम किया जा रहा है.
अब सवाल न करें। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। जब हादसा हुआ, उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे।
भगदड़ के बाद रिपोर्टर मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां हादसे में मारे गए लोगों के शव रखे हुए थे. रिपोर्टर ने मेडिकल कॉलेज में 20 शव गिने. यहां आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा हुआ था.
इससे पहले मेडिकल कॉलेज में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए थे। फिर मेले से 8-10 एंबुलेंस से कुछ और शवों को लाया गया। इन्हें मिलाकर करीब 20 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। वे उन्हें लेकर चले भी गए हैं।
भगदड़ की 2 संभावित वजह
अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
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